झुंझुनूं में खुलेआम पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। घरों और दुकानों से प्रतिदिन भारी मात्रा में कचरा निकल रहा है। लोग खुलेआम पॉलीथिन को कचरे के ढेर और सड़कों के किनारे फेंक देते हैं। शहर में सुबह के समय सड़कों के किनारे लगे कचरे के ढेर में ठोस कचरे की जगह पॉलीथिन की थैलियां अधिक पाई जाती हैं।
पॉलीथिन पकड़ने का दावा करने के बावजूद नगर निगम द्वारा समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन फिर भी रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़ी दुकानों तक में पॉलीथिन की थैलियों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. प्रतिदिन दुकानों व घरों से भारी मात्रा में पॉलीथिन निकल रही है।
जबकि सरकार ने पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए पॉलीथिन की जगह कपड़े के थैलों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का नियम बनाया था, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है.
कुछ लोग कार्रवाई के नाम पर रेहड़ी-पटरी वालों और दुकानों से पॉलीथिन बैग के दो से चार बंडल जब्त कर लेते हैं. लेकिन कस्बे में दिनभर दुकानों पर सप्लाई करने वाले बड़े सप्लायरों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
पशु पॉलिथीन निगल जाते हैं
लोग रात में घरों और दुकानों से बचे हुए खाद्य पदार्थों को प्लास्टिक की थैलियों में डालकर कचरे के ढेर में फेंक देते हैं। आवारा पशु अपनी भूख मिटाने के लिए प्लास्टिक की थैलियां खा रहे हैं। जिससे पशुओं को भारी नुकसान हो रहा है। जानवरों में महामारी फैल रही है, कई बार जानवर मर भी जाते हैं। साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है।
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